Indian Classical (Bhajan), Slow Tempo (Vilambit Laya), Meditative, Spiritual, Traditional Folk Instrumentation (Harmonium, Tabla, Tanpura), Devotional, Reflective, Melancholic, Poetic Meter (Doha-Chaupai), Vocal-Centric with Minimalistic Arrangement
चलना है दूर मुसाफिर काहे सोवे रे
चेत अचेत नर सोच बावरे, बहुत नींद मत सोवे रे,
काम क्रोध मद लोभ में फंसकर, उमरिया काहे खोवे रे
सिर पर माया मोह की गठरी, संग दूत तेरे होवे रे,
सो गठरी तेरी बीच में छिन गई, मूढ़ पकड़ कहाँ रोवे रे
रस्ता तो दूर कठिन है, चल अब अकेला होवे रे,
संग साथ तेरे कोई न चलेगा, काट डगरिया होवे रे
नदिया गहरी नाव पुरानी, केही विधि पार तू होवे रे,
कहे कबीर सुनो भाई साधो, ब्याज धोखे मूल मत खोवे रे