[Intro]
[Verse]
रंगभंगुर नक़्शे में दिल उठाता है,
बादलों के झंडे पर ध्यान डालकर।
चाँद की छाया से जैसे ताजगी पाया,
रात की गहराई में दिखाई देता है।
[Verse]
रंगभंगुर नक़्शों में चलता है,
प्रेम की आँखों में तुम भी उठाता है।
सुबह के विछूँचल जैसे जीवन की दिलाई,
तुमसे सोचने लगा रात की गहराई में।
[Chorus]
रंगभंगुर नक़्शों में दिखाई देता है,
तुमसे सोचने लगा रात की गहराई में।
[Verse]
बादलों की झंडे और चाँद की छाया,
साथ रहने वाले हैं दिल के दौरान।
रंगभंगुर नक़्शे में दिखाई देता है,
बादलों के झंडे में दिल उठाता है।
[Chorus]
रंगभंगुर नक़्शों में दिखाई देता है,
तुमसे सोचने लगा रात की गहराई में।
[Outro]
सपनों की ओर रात की आँधी में टीकता है।