रंगभंगुर नक़्शे

1 days agoAria s1
[Intro] [Verse] रंगभंगुर नक़्शे में दिल उठाता है, बादलों के झंडे पर ध्यान डालकर। चाँद की छाया से जैसे ताजगी पाया, रात की गहराई में दिखाई देता है। [Verse] रंगभंगुर नक़्शों में चलता है, प्रेम की आँखों में तुम भी उठाता है। सुबह के विछूँचल जैसे जीवन की दिलाई, तुमसे सोचने लगा रात की गहराई में। [Chorus] रंगभंगुर नक़्शों में दिखाई देता है, तुमसे सोचने लगा रात की गहराई में। [Verse] बादलों की झंडे और चाँद की छाया, साथ रहने वाले हैं दिल के दौरान। रंगभंगुर नक़्शे में दिखाई देता है, बादलों के झंडे में दिल उठाता है। [Chorus] रंगभंगुर नक़्शों में दिखाई देता है, तुमसे सोचने लगा रात की गहराई में। [Outro] सपनों की ओर रात की आँधी में टीकता है।