(Verse 1)तेरी आँखों में जब भी देखता हूँ,एक नया जहाँ पाता हूँ,

9/9/2025Aria v1
(Verse 1) तेरी आँखों में जब भी देखता हूँ, एक नया जहाँ पाता हूँ, अमिता। दुनिया की सारी खुशियाँ, बस तेरी मुस्कान में पाता हूँ। जब से तुम मेरी ज़िंदगी में आई हो, हर रंग खिल उठा है। ये दिल का सूना आँगन, बस तेरे प्यार से भर उठा है। (Chorus) तुमसे ही मेरी हर सुबह है, तुमसे ही मेरी हर शाम, अमिता। तुम मेरे दिल की धड़कन हो, मेरा सुकून, मेरा आराम। (Verse 2) याद है वो पहली मुलाकात? वो बारिश वाली रात, और हमारी बातें जो कभी खत्म ही नहीं होती थीं। तुमने मेरे हर सपने को, अपनी आँखों में सजाया है। जब भी मैं थक जाता हूँ, तेरा हाथ मेरे हाथ में होता है। तू मेरी ताकत है, मेरी हिम्मत है, मेरा हर दर्द तेरे साथ खो जाता है। (Chorus) तुमसे ही मेरी हर सुबह है, तुमसे ही मेरी हर शाम, अमिता। तुम मेरे दिल की धड़कन हो, मेरा सुकून, मेरा आराम। (Bridge) ये रिश्ता नहीं, ये तो एक इबादत है, जो मैंने तुमसे पाया है, अमिता। हर जन्म में, हर पल में, बस तेरा साथ ही चाहूँगा। (Outro) मेरी ज़िंदगी का हर खूबसूरत पल, सिर्फ तुम्हारे नाम है। मेरा प्यार, मेरा साथ, हमेशा तेरे साथ रहेगा, अमिता। (संगीत fades out)