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18 days agoAria s1
(अंतरा 1) बजे बंसी वृंदावन में, गूँजे नाम तेरा, हर दिशा में फैला है, माधुर्य बसेरा। गोपी मन मुरली में खो जाए, श्याम नाम का रंग चढ़ जाए। (कोरस) सुनो बंसी की पुकार, मन दौड़े तेरे द्वार। छोड़ो जग के झंझट सारे, श्याम चले हम प्यार के मारे। (अंतरा 2) यमुना किनारे चाँदनी रात, तेरी बंसी में छिपा है साथ। हर राग में तेरा वास है, हर सांस में तू खास है। (अंतरा 3) मोहन तू प्रेम का सागर, तेरे नाम में है जीवन आधार। भूल गए हम दुख-संसार, सुनते ही बंसी की पुकार।