हरी–हरी पंख फैलाकर,
तोता मास्टर जी आए!
कहते—“ग्रीन-ग्रीन स्कूल में बच्चो,
सब खुश होकर पढ़ने आए!”
मोर बैठा पहली बेंच पर,
हाथी पिछली लाइन!
बंदर बोला—“मास्टर जी,
आज पढ़ाओ रंग–डिज़ाइन!”
तोता बोला—“चलो सभी,
रंग–रंग खेलें आज!
लाल हो जाता सूरज बाबू,
नीला आसमान का ताज!”
ऊँट ने लंबी गर्दन उठाई,
कछुआ धीरे बोला—“वाह!”
तितली बोली—“मुझे भी सीखना”,
तोते ने कहा—“आ जाओ साथ!”
“A—आम” तोते ने चिल्लाया,
“B—बिल्ली” पढ़ाई!
मधुमक्खी गुनगुन करती बोली—
“अब मेरी बारी आई!”
बंदर हँसा, भालू हँसा,
हँसी में जंगल डूब!
तोता बोला—“ग्रीन-ग्रीन स्कूल,
सबको करे खूब–खूब!”
अंत में बोला मास्टर जी—
“सीखो हँसी और प्यार,
जंगल का हर नन्हा बच्चा,
है मेरा जग में उपहार!”