Liwas

5/19/2025Aria v1
मैं यूं तुझसे मिला जैसे लिवास है ओढ़े है मन में जैसे फरियाद है मुकम्मल तू कर दे मुझ पे निगाहें बस उस पल का इंतजार है बेनजीर है वो सारा जहां में वसी है मेरे दिलो जहन में बुनने लगा हूं ख्वाब की डोली सजने लगी है हाथ में मेहंदी शहनाई मन में गुंजने लगी है खुली है आंखे पर सोया हुआ हूं ख्वाबों की बंदीसो में खोया हुआ हूं जन्नतो की सैर पर साजे सजी है सजी है सारी दिल की अरमान अरमानों की रंजिश मथे चढ़ी है बेचैनी सिरहाने नींद में परी है न दिन गुजरे ना रात कट रही है बस ये चार दिन वर्षो लग रही है मुसाकिल लग रही है बाते बहाने तेरे सजदे में राखे है माथे टिकाए बस तु आ जा मेरे पलकों पे छा जा लेकर सुहाने सपनों की कलियां