[Intro]
[Verse 1]
टूटा हुआ आसमान, चमकते हैं लाइट्स,
छाया में चलते बीते पल की साइलेंस नाइट्स।
डिजिटल हवाओं में तेरा नाम गूंजे,
हर कोड में तुझसे जुड़ी मेरी धुन सजे।
[Pre-Chorus]
मैं एक साया, डेटा की लहरों में,
सपनों के टुकड़े, टूटे हुए शहरों में।
दुनिया रिप्ले करती है, फ़िर भी वही तू,
सब कुछ मिटा, पर याद रही तू।
[Chorus]
🎵 भविष्य की गूंज, धुंध में पुकार,
यादों की बिजली, कोड में करार।
शोर में भी ढूंढूं, सच्चाई की रेखा,
हर रौशनी, हर साउंड — बस तुझ तक देखा। 🎵
[Verse 2]
स्टील की नसों में दौड़ता है दर्द,
दिल तो रीसेट हुआ, पर जिंदा है जज़्बात।
खाक़ से उठी इस दुनिया में भी,
तेरी आवाज़ ही बस मेरे साथ चली।
[Bridge]
समय रुका, पर मैं ज़िंदा हूं,
डिजिटल बारिश में भी तन्हा हूं।
अगर कहीं है तू — सुन मेरी बात,
मरने से पहले एक आख़िरी सौगात...
[Final Chorus]
🎵 भविष्य की गूंज, अब और तेज़,
टकरा रही है ये दुनिया की सीमाएं।
नीयन तारों से टूटे गगन तक,
सन्नाटे में भी — मिलेगा तुझसा एक तक। 🎵
[Outro]