Verse 1
माँ संतोषी शांति की मूरत,
तेरे चरणों में है सच्ची सूरत।
भक्त तेरे जो नाम पुकारें,
उनके जीवन में सुख ही उतरे।
Chorus
जय जय संतोषी माँ, जय जय संतोषी माँ,
तेरी महिमा अपरंपार,
माँ तू रखे सदा हमारा भार।
Verse 2
गुरुवार का व्रत जो धरे,
माँ तू उसका भाग्य सवारे।
थोड़ा सा गुड़ चना चढ़ाए,
हर मन की इच्छा वह पाए।
Chorus
जय जय संतोषी माँ, जय जय संतोषी माँ,
संतोष सिखाए, क्रोध मिटाए,
माँ तू हर मन में समाए।
Verse 3
दीप जले तेरे दरबार में,
भक्ति गूँजे संसार में।
तेरा नाम जो प्रेम से लेवे,
उसका जीवन धन्य हो जाए।
Final Chorus
जय जय संतोषी माँ, जय जय संतोषी माँ,
दया की सागर, प्रेम की धारा,
माँ तू रखे अपना सहारा।