Teelik Samaj Ka Sangharsh
5/25/2025Aria v1
[Intro]
[Verse 1]
तैलिक समाज का बच्चा बच्चा बोलेगा,
ज़ुल्म की चट्टानें अब हम तोड़कर खोलेंगे।
पिछड़ी जाति के नाम पे जो रोका गया,
आज वो आवाज़ आसमान तक बोलेंगे।
[Chorus]
इज़्ज़त, अधिकार, बराबरी की राह चलेंगे,
हर धोखे को सीने पे तीर बनाकर झेलेंगे।
जय संविधान! जय न्याय! गगन में गूँजेगा,
तैलिक समाज का शंख अब डटकर बोलेगा।
[Verse 2]
सपनों को कुचलने वाले ज़ालिम रुक जाएँ,
हक़ की लड़ाई में हम आज संगठित खड़े हैं।
पीढ़ियों का दर्द हमारी ताकत बनेगा,
इंसाफ़ की जंग में हर कोई साथ चलेगा।
[Bridge]
आँखों में अरमान, हाथों में संकल्प लिए,
अब न झुकेंगे, न भीख माँगेंगे जिए।
जो हमारा है, उसे लेकर ही रहेंगे,
इतिहास की धारा को हम मोड़कर चलेंगे।
[Chorus]
इज़्ज़त, अधिकार, बराबरी की राह चलेंगे,
हर धोखे को सीने पे तीर बनाकर झेलेंगे।
जय संविधान! जय न्याय! गगन में गूँजेगा,
तैलिक समाज का शंख अब डटकर बोलेगा।
[Outro]