वन्दन हमारा, वतन तुम्हारा,
रक्त से सींचा है हमने सितारा।
ओ माँ, तुझपे मिटने को जीते हैं,
हर रण में ज्वाला बनकर उठते हैं।
गीतों में तेरा नाम,
साँसों में तेरा मान।
जो भी तुझे तकता है,
पाता है खुद को वीर महान।
जब भी धरा पुकारे,
हम प्राण देने आएँ।
सौ जंग हों अगर भी,
हर बार जीत पाएँ।