रचना

9 days agoAria s1
[Intro] [Verse 1] आसमान के रंगों को मिलाकर, दिल की धड़कनों को सजाकर, ईसु के हर बचनों में, एक नई कहानी बुनता चलूँ। [Chorus] रचना ये मेरी, महिमा हो तेरी, जुड़े हर सुर में गीत अंधेरी, खो जाएँ यहाँ सपने सारे, असलियत से मिलकर बन जाए नज़ारे। [Verse 2] रात की चादर पर सितारे लिखूँ, चुप्पी को शब्दों में बदल दूँ, हर एक पल को गीत बनाऊँ, तुझसे बिछड़कर भी तेरा नाम गाऊँ। [Bridge] लहरों सा नाचे ये दिल का सफर, कहानियाँ बन जाएँ हज़ारों दफ़र, वक्त की धारा में बहता ये गीत, रचेगा मिट्टी में भी अमर बीज। [Chorus] रचना ये मेरी, महिमा हो तेरी, जुड़े हर सुर में गीत अंधेरी, खो जाएँ यहाँ सपने सारे, असलियत से मिलकर बन जाए नज़ारे। [Outro]